अहो चिन्मात्रमेवाहं इन्द्रजालोपमं जगत्। अतो मम कथं कुत्र हेयोपादेयकल्पना॥७- ५॥
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aho cinmātramevāhaṃ indrajālopamaṃ jagat, ato mama kathaṃ kutra heyopādeyakalpanā
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आश्चर्य मैं शुद्ध चैतन्य हूँ और यह जगत असत्य जादू के समान है, इस प्रकार मुझमें कहाँ और कैसे अच्छे (उपयोगी) और बुरे (अनुपयोगी) की कल्पना ॥
Hindi Translation
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Surprise, I am pure consciousness and the world is like a magic. How can there be thoughts of useful and useless in me?
English Translation
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