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अनित्यं सर्वमेवेदं तापत्रयदूषितं। असारं निन्दितं हेयमि- ति निश्चित्य शाम्यति॥९- ३॥

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anityaṃ sarvamevedaṃ tāpatrayadūṣitaṃ, asāraṃ ninditaṃ heyami- ti niścitya śāmyati

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यह सब अनित्य है, तीन प्रकार के कष्टों (दैहिक, दैविक और भौतिक) से घिरा है, सारहीन है, निंदनीय है, त्याग करने योग्य है, ऐसा निश्चित करके ही शांति प्राप्त होती है॥

Hindi Translation

All this is impermanent and is surrounded by the three types of pain (body, luck and money). It is without any essence, contemptible and is to be abandoned. Only after deciding it firmly, peace is attained .

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः