अस्तेयप्रतिष्ठायां सर्वरत्नोपस्ठानम् ।
Change Bhasha
asteyapratiṣṭhāyāṃ sarvaratnopasṭhānam।
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By the establishment of non-stealing (and non-receiving) all wealth comes to the Yogi.
English Translation
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अस्तेय (चोरी न करना) और अपरिग्रह (भोग के साधनों का स्वीकार न करना) में दृढ़ हो जाने पर उस योगी के सामने सभी प्रकार का धन प्रकट हो जाता है।
Hindi Translation
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