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आत्मानमद्वयं कश्चिज्- जानाति जगदीश्वरं। यद् वेत्ति तत्स कुरुते न भयं तस्य कुत्रचित्॥४- ६॥

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ātmānamadvayaṃ kaścij- jānāti jagadīśvaraṃ, yad vetti tatsa kurute na bhayaṃ tasya kutracit

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आत्मा को एक और जगत का ईश्वर कोई कोई ही जानता है, जो ऐसा जान जाता है उसको किसी से भी किसी प्रकार का भय नहीं है ॥

Hindi Translation

It is very rare to know Self as One and Lord of the world, and he who knows this does not fear anyone or anything.

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः