चिन्तया जायते दुःखं नान्यथेहेति निश्चयी। तया हीनः सुखी शान्तः सर्वत्र गलितस्पृहः॥११- ५॥
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cintayā jāyate duḥkhaṃ nānyatheheti niścayī, tayā hīnaḥ sukhī śāntaḥ sarvatra galitaspṛhaḥ
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चिंता से ही दुःख उत्पन्न होते हैं किसी अन्य कारण से नहीं, ऐसा निश्चित रूप से जानने वाला, चिंता से रहित होकर सुखी, शांत और सभी इच्छाओं से मुक्त हो जाता है ॥
Hindi Translation
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Worry gives rise to suffering and nothing else. One who knows it with definiteness becomes free from worries and becomes content, peaceful and without any desire anywhere.
English Translation
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