धीरो न द्वेष्टि संसारमा- त्मानं न दिदृक्षति। हर्षामर्षविनिर्मुक्तो न मृतो न च जीवति॥१८- ८३॥
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dhīro na dveṣṭi saṃsāramā- tmānaṃ na didṛkṣati, harṣāmarṣavinirmukto na mṛto na ca jīvati
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धीर पुरुष न संसार से द्वेष करता है और न आत्म-दर्शन की इच्छा । वह हर्ष और शोक से रहित है । लौकिक दृष्टि से वह न तो मृत है और न जीवित ॥
Hindi Translation
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The wise man does not dislike samsara or seek to know himself. Free from pleasure and impatience, he is not dead and he is not alive .
English Translation
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