अष्टावक्र उवाच - हन्तात्म ज्ञस्य धीरस्य खेलतो भोगलीलया। न हि संसारवाहीकै- र्मूढैः सह समानता॥४- १॥
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aṣṭāvakra uvāca - hantātma jñasya dhīrasya khelato bhogalīlayā, na hi saṃsāravāhīkai- rmūḍhaiḥ saha samānatā
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अष्टावक्र कहते हैं - स्वयं को जानने वाला बुद्धिमान व्यक्ति इस संसार की परिस्थितियों को खेल की तरह लेता है, उसकी सांसारिक परिस्थितियों का बोझ (दबाव) लेने वाले मोहित व्यक्ति के साथ बिलकुल भी समानता नहीं है ॥
Hindi Translation
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Ashtavakra says: The self - aware wise man takes the worldly matter sportively, he just cannot be compared to a deluded person taking burdens of the situations.
English Translation
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