हेयोपादेयविरहाद् एवं हर्षविषादयोः। अभावादद्य हे ब्रह्मन्न् एवमेवाहमास्थितः॥१२- ४॥
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heyopādeyavirahād evaṃ harṣaviṣādayoḥ, abhāvādadya he brahmann evamevāhamāsthitaḥ
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हे ब्रह्म को जानने वाले! त्याज्य (छोड़ने योग्य) और संग्रहणीय से दूर होकर और सुख-दुःख के अभाव में मैं अपने स्वरुप में स्थित हूँ ॥
Hindi Translation
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O seer of God, away from the feelings to store or to leave and without any pleasure or pain, I stay as I am.
English Translation
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