कर्तव्यतैव संसारो न तां पश्यन्ति सूरयः। शून्याकारा निराकारा निर्विकारा निरामयाः॥१८- ५७॥
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kartavyataiva saṃsāro na tāṃ paśyanti sūrayaḥ, śūnyākārā nirākārā nirvikārā nirāmayāḥ
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कर्तव्य बुद्धि का नाम ही संसार है, विद्वान लोग उस कर्तव्यता को नहीं देखते क्योंकि उनकी बुद्धि शून्याकार, निराकार, निर्विकार और निरामय होती है ॥
Hindi Translation
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It is the sense of responsibility which is samsara. The wise who are of the form of emptiness, formless, unchanging and spotless see no such thing .
English Translation
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