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क्व दूरं क्व समीपं वा बाह्यं क्वाभ्यन्तरं क्व वा। क्व स्थूलं क्व च वा सूक्ष्मं स्वमहिम्नि स्थितस्य मे॥१९- ६॥

Change Bhasha

kva dūraṃ kva samīpaṃ vā bāhyaṃ kvābhyantaraṃ kva vā| kva sthūlaṃ kva ca vā sūkṣmaṃ svamahimni sthitasya me||19- 6||

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अपनी महिमा में स्थित मेरे लिए क्या दूर है और क्या पास है तथा क्या बाह्य है और क्या आतंरिक है, क्या स्थूल है और क्या सूक्ष्म है ?

Hindi Translation

There is nothing distant or near, nothing within or without, nothing large or subtle f or me , who is established in Self .

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः