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क्व कर्ता क्व च वा भोक्ता निष्क्रियं स्फुरणं क्व वा। क्वापरोक्षं फलं वा क्व निःस्वभावस्य मे सदा॥२०- ५॥

Change Bhasha

kva kartā kva ca vā bhoktā niṣkriyaṃ sphuraṇaṃ kva vā| kvāparokṣaṃ phalaṃ vā kva niḥsvabhāvasya me sadā||20- 5||

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सदा स्वभाव से रहित मुझमें कौन कर्ता है और कौन भोक्ता, क्या निष्क्रियता है और क्या क्रियाशीलता, क्या प्रत्यक्ष है और क्या अप्रत्यक्ष ॥

Hindi Translation

Without a nature, there is no doer or reaper of actions, no inaction or action, nothing visible or invisible. 

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः