क्व माया क्व च संसारः क्व प्रीतिर्विरतिः क्व वा। क्व जीवः क्व च तद्ब्रह्म सर्वदा विमलस्य मे॥२०- ११॥
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kva māyā kva ca saṃsāraḥ kva prītirviratiḥ kva vā| kva jīvaḥ kva ca tadbrahma sarvadā vimalasya me||20- 11||
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सदा विशुद्ध मेरे लिया क्या माया है और क्या संसार, क्या प्री ति है और क्या विरति, क्या जीव है और क्या वह ब्रह्म ॥
Hindi Translation
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There is no Maya or world, no attachment or detachment, no living beings or that God for forever pure Self.
English Translation
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