brah.ma Logoपरिवर्तनं भव

Loading...

क्व मोहः क्व च वा विश्वं क्व तद् ध्यानं क्व मुक्तता। सर्वसंकल्पसीमायां विश्रान्तस्य महात्मनः॥१८- १४॥

Change Bhasha

kva mohaḥ kva ca vā viśvaṃ kva tad dhyānaṃ kva muktatā, sarvasaṃkalpasīmāyāṃ viśrāntasya mahātmanaḥ

0

जो महात्मा सभी संकल्पों की सीमा पर विश्राम कर रहा है, उसके लिए मोह कहाँ, संसार कहाँ, ध्यान कहाँ और मुक्ति भी कहाँ? 

Hindi Translation

There is no delusion, world, meditation on That, or liberation for the pacified great soul. All these things are just the realm of imagination .

English Translation

Built in Kashi for the World

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः