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क्व प्रारब्धानि कर्माणि जीवन्मुक्तिरपि क्व वा। क्व तद् विदेहकैवल्यं निर्विशेषस्य सर्वदा॥२०- ४॥

Change Bhasha

kva prārabdhāni karmāṇi jīvanmuktirapi kva vā| kva tad videhakaivalyaṃ nirviśeṣasya sarvadā||20- 4||

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क्या प्रारब्ध कर्म हैं और क्या जीवन मुक्ति है, सर्वदा विशेषता(परिवर्तन) से रहित मुझमें क्या शरीरहीन कैवल्य है ॥

Hindi Translation

In unchanging me, there is no fateful actions or liberation during life and no bodiless enlightenment. 

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः