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क्व तमः क्व प्रकाशो वा हानं क्व च न किंचन। निर्विकारस्य धीरस्य निरातंकस्य सर्वदा॥१८- ७८॥

Change Bhasha

kva tamaḥ kva prakāśo vā hānaṃ kva ca na kiṃcana, nirvikārasya dhīrasya nirātaṃkasya sarvadā

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जो धीर सदा निर्विकार और भय रहित है, उसके लिए अन्धकार कहाँ, प्रकाश कहाँ और त्याग कहाँ? उसके लिए किसी का अस्तित्व नहीं रहता ॥

Hindi Translation

For the wise man who is always unchanging and fearless there is neither darkness nor light nor destruction, nor anything .

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः