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क्व विद्या क्व च वाविद्या क्वाहं क्वेदं मम क्व वा। क्व बन्ध क्व च वा मोक्षः स्वरूपस्य क्व रूपिता॥२०- ३॥

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kva vidyā kva ca vāvidyā kvāhaṃ kvedaṃ mama kva vā| kva bandha kva ca vā mokṣaḥ svarūpasya kva rūpitā||20- 3||

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क्या विद्या है या क्या अविद्या, क्या मैं है या क्या वह है और क्या मेरा है, क्या बंधन है और क्या मोक्ष है या स्वरुप का क्या लक्षण है ॥

Hindi Translation

There is no knowledge or ignorance, no 'me', 'this' or 'mine', no bondage or liberation, and no characteristic of self-nature.

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः