क्वोपदेशः क्व वा शास्त्रं क्व शिष्यः क्व च वा गुरुः। क्व चास्ति पुरुषार्थो वा निरुपाधेः शिवस्य मे॥२०- १३॥
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kvopadeśaḥ kva vā śāstraṃ kva śiṣyaḥ kva ca vā guruḥ| kva cāsti puruṣārtho vā nirupādheḥ śivasya me||20- 13||
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विशेषण रहित, कल्याण रूप, मेरे लिए क्या उपदेश है और क्या शास्त्र, कौन शिष्य है और कौन गुरु, और क्या प्राप्त करने योग्य ही है ॥
Hindi Translation
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There is no sermon or scripture, no disciple or guru, nothing is to be achieved for ever blissful and non-special Self .
English Translation
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