महोदधिरिवाहं स प्रपंचो वीचिसऽन्निभः। इति ज्ञानं तथैतस्य न त्यागो न ग्रहो लयः॥६- २॥
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mahodadhirivāhaṃ sa prapaṃco vīcisaʼnnibhaḥ, iti jñānaṃ tathaitasya na tyāgo na graho layaḥ
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मैं महासागर के समान हूँ और यह दृश्यमान संसार लहरों के समान । यह ज्ञान है, इसका न त्याग करना है और न ग्रहण बस इसके साथ एकरूप होना है ॥
Hindi Translation
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I am like a vast ocean and the visible world is like its waves. This is Knowledge. This is neither to be renounced nor to be accepted but to be one with it.
English Translation
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