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मन्दः श्रुत्वापि तद्वस्तु न जहाति विमूढतां। निर्विकल्पो बहिर्यत्नाद- न्तर्विषयलालसः॥१८- ७६॥

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mandaḥ śrutvāpi tadvastu na jahāti vimūḍhatāṃ, nirvikalpo bahiryatnāda- ntarviṣayalālasaḥ

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अज्ञानी तत्त्व का श्रवण करके भी अपनी मूढ़ता का त्याग नहीं करता, वह बाह्य रूप से तो निसंकल्प हो जाता है पर उसके अंतर्मन में विषयों की इच्छा बनी रहती है ॥

Hindi Translation

A fool does not get rid of his stupidity even on hearing the truth. He may appear outwardly free from imaginations, but inside he is hankering after the senses still . 

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः