न सुखी न च वा दुःखी न विरक्तो न संगवान्। न मुमुक्षुर्न वा मुक्ता न किंचिन्न्न च किंचन॥१८- ९६॥
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na sukhī na ca vā duḥkhī na virakto na saṃgavān, na mumukṣurna vā muktā na kiṃcinnna ca kiṃcana
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धीर पुरुष न सुखी होता है और न दुखी, न विरक्त होता है और न अनुरक्त । वह न मुमुक्षु है और न मुक्त । वह कुछ नहीं है, कुछ नहीं है ॥
Hindi Translation
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A man with tranquil mind is n either happy nor unhappy, neither detached nor attached. He is neither seeking liberation nor liberated. He is nothing of these, nothing of these .
English Translation
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