नाहं देहो न मे देहो बोधोऽहमिति निश्चयी। कैवल्यं इव संप्राप्तो न स्मरत्यकृतं कृतम्॥११- ६॥
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nāhaṃ deho na me deho bodhoʼhamiti niścayī, kaivalyaṃ iva saṃprāpto na smaratyakṛtaṃ kṛtam
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न मैं यह शरीर हूँ और न यह शरीर मेरा है, मैं ज्ञानस्वरुप हूँ, ऐसा निश्चित रूप से जानने वाला जीवन मुक्ति को प्राप्त करता है । वह किये हुए (भूतकाल) और न किये हुए (भविष्य के) कर्मों का स्मरण नहीं करता है ॥
Hindi Translation
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Neither I am this body, nor this body is mine. I am pure knowledge. One who knows it with definiteness gets liberated in this life. He neither remembers (acts done in) past nor (worries of) future.
English Translation
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