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नाना मतं महर्षीणां साधूनां योगिनां तथा। दृष्ट्वा निर्वेदमापन्नः को न शाम्यति मानवः॥९- ५॥

Change Bhasha

nānā mataṃ maharṣīṇāṃ sādhūnāṃ yogināṃ tathā, dṛṣṭvā nirvedamāpannaḥ ko na śāmyati mānavaḥ

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महर्षियों, साधुओं और योगियों के विभिन्न मतों को देखकर कौन मनुष्य वैराग्यवान होकर शांत नहीं हो जायेगा॥

Hindi Translation

Having seen the difference of opinions among the great sages, saints and yogis , who will not get detached and attain peace .

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः