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नाविचारसुश्रान्तो धीरो विश्रान्तिमागतः। न कल्पते न जाति न शृणोति न पश्यति॥१८- २७॥

Change Bhasha

nāvicārasuśrānto dhīro viśrāntimāgataḥ, na kalpate na jāti na śṛṇoti na paśyati

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जो धीर पुरुष अनेक विचारों से थककर अपने स्वरूप में विश्राम पा चुका है, वह न कल्पना करता है, न जानता है, न सुनता है और न देखता ही है ॥

Hindi Translation

He who has had enough of endless considerations and has attained to peace, does not think, know, hear or see . 

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः