निराधारा ग्रहव्यग्रा मूढाः संसारपोषकाः। एतस्यानर्थमूलस्य मूलच्छेदः कृतो बुधैः॥१८- ३८॥
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nirādhārā grahavyagrā mūḍhāḥ saṃsārapoṣakāḥ, etasyānarthamūlasya mūlacchedaḥ kṛto budhaiḥ
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अज्ञानी निराधार आग्रहों में पड़कर संसार का पोषण करते रहते हैं । ज्ञानियों ने सभी अनर्थों की जड़ इस संसार की सत्ता का ही पूर्ण नाश कर दिया है ॥
Hindi Translation
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Even when living without any support and eager for achievement, the stupid are still nourishing samsara , while the wise have cut at the very root of its unhappiness .
English Translation
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