निर्ममः शोभते धीरः समलोष्टाश्मकांचनः। सुभिन्नहृदयग्रन्थि- र्विनिर्धूतरजस्तमः॥१८- ८८॥
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nirmamaḥ śobhate dhīraḥ samaloṣṭāśmakāṃcanaḥ, subhinnahṛdayagranthi- rvinirdhūtarajastamaḥ
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धीर पुरुष की ह्रदय ग्रंथि खुल जाती है, रज और तम नष्ट हो जाते हैं । वह मिट्टी के ढ़ेले, पत्थर और सोने को समान दृष्टि से देखता है, ममता रहित वह सुशोभित होता है ॥
Hindi Translation
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The wise man excels in being without the sense of 'me'. Earth, a stone or gold are the same to him. The knots of his heart have been rent asunder, and he is freed from greed and blindness .
English Translation
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