brah.ma
/shlok/nirvasano-nirala-ba-svacchando-muktabandhana/निर्वासनो निरालंबः स्वच्छन्दो मुक्तबन्धनः। क्षिप्तः संस्कारवातेन चेष्टते शुष्कपर्णवत्॥१८- २१॥
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nirvāsano nirālaṃbaḥ svacchando muktabandhanaḥ, kṣiptaḥ saṃskāravātena ceṣṭate śuṣkaparṇavat
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ज्ञानी कामना, आश्रय और परतंत्रता आदि के बंधनों से सर्वथा मुक्त होता है । प्रारब्ध रूपी वायु के वेग से उसका शरीर उसी प्रकार गतिशील रहता है जैसे वायु के वेग से सूखा पत्ता ॥
Hindi Translation
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He who is desireless, self-reliant, independent and free of bonds functions like a dead leaf blown about by the wind of causality .
English Translation
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