Brihadaranyaka Upanishad
ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते । पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
Om Purnamadah Purnamidam Purnat Purnamudachyate। Purnasya Purnamadaya Purnamevavashisyate॥ Om Shanti Shamti Shanti॥
वह (अद:) परब्रह्म पुरुषोत्तम परमात्मा सभी प्रकार से पूर्ण है। यह जगत भी पूर्ण है, क्योंकि यह पूर्ण उस पूर्ण पुरुषोत्तम से ही उत्पन्न हुआ है। इस प्रकार परब्रह्म की पूर्णता से जगत पूर्ण होने पर भी वह परब्रह्म परिपूर्ण है। उस पूर्ण में से पूर्ण को निकाल देने पर भी वह पूर्ण ही शेष रहता है।
ओम्! वह अनंत है, और यह (ब्रह्मांड) अनंत है। अनंत से अनंत की प्राप्ति होती है। (तब) अनंत (ब्रह्मांड) की अनंतता लेते हुए, वह अनंत के रूप में अकेला रहता है। ओम्! शांति! शांति! शांति!
Hindi Translation
वह पूर्ण था/है सृष्टी उत्पत्ती के पहले भी, उत्पत्ती के बाद भी यह पूर्ण है , मतलब एक पूर्ण से दुसरा एक पूर्ण पैदा हुआ वह भी पूर्ण ही है । पूर्ण से पूर्ण निकलने के बाद भी जो बचा हुआ है वह भी पूर्ण ही है ! ओम्! शांति! शांति! शांति!
Hindi Translation
वह परब्रह्म पूर्ण है, पूर्णता से ही पूर्ण उत्पन्न होता है। यह कायाात्मक पूर्ण कारणात्मक पूर्ण से ही उत्पन्न होता है। उस पूर्ण की पूर्णता को लेकर भी यह पूर्ण ही शेष रहता है। हमारे, अनिभौनतक, अनिदैनिक तथा तथा आध्यान्तत्मक तापों (दुखों) की शांति हो।
Hindi Translation
Om! That is the whole. This is the whole. From wholeness emerges wholeness. Wholeness coming from wholeness, wholeness still remains.
English Translation
Aum! That is infinite, and this (universe) is infinite. The infinite proceeds from the infinite. Taking the infinitude of the infinite, It remains as the infinite alone. Aum! Peace! Peace! Peace!
English Translation
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