पश्य भूतविकारांस्त्वं भूतमात्रान् यथार्थतः। तत्क्षणाद् बन्धनिर्मुक्तः स्वरूपस्थो भविष्यसि॥९- ७॥
Change Bhasha
paśya bhūtavikārāṃstvaṃ bhūtamātrān yathārthataḥ, tatkṣaṇād bandhanirmuktaḥ svarūpastho bhaviṣyasi
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तत्त्वों के विकार को वास्तव में उनकी मात्रा के परिवर्तन के रूप में देखो, ऐसा देखते ही उसी क्षण तुम बंधन से मुक्त होकर अपने स्वरुप में स्थित हो जाओगे॥
Hindi Translation
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See the change in nature of elements as the change in quantity of finer (subtle) entities. After seeing this, you would be free from bondage immediately and would be established in your very nature .
English Translation
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