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प्रीत्यभावेन शब्दादेर- दृश्यत्वेन चात्मनः। विक्षेपैकाग्रहृदय एवमेवाहमास्थितः॥१२- २॥

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prītyabhāvena śabdādera- dṛśyatvena cātmanaḥ, vikṣepaikāgrahṛdaya evamevāhamāsthitaḥ

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शब्द आदि विषयों में आसक्ति रहित होकर और आत्मा के दृष्टि का विषय न होने के कारण मैं निश्चल और एकाग्र ह्रदय से अपने स्वरुप में स्थित हूँ ॥

Hindi Translation

Unattached to sound and other senses and knowing that Self is not an object of sight, I remain free of disturbances and focused as I am. 

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः