समाधानसमाधान- हिताहितविकल्पनाः। शून्यचित्तो न जानाति कैवल्यमिव संस्थितः॥१७- १८॥
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samādhānasamādhāna- hitāhitavikalpanāḥ, śūnyacitto na jānāti kaivalyamiva saṃsthitaḥ
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संदेह और समाधान एवं हित और अहित की कल्पना से परे, शून्य चित्त वाला पुरुष कैवल्य में ही स्थित रहता है ॥
Hindi Translation
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Beyond doubts and solutions, good and bad, a person with still mind, remains established in self.
English Translation
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