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सुखादिरूपा नियमं भावेष्वालोक्य भूरिशः। शुभाशुभे विहायास्मादह- मासे यथासुखम्॥१३- ७॥

Change Bhasha

sukhādirūpā niyamaṃ bhāveṣvālokya bhūriśaḥ, śubhāśubhe vihāyāsmādaha- māse yathāsukham

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सुख, दुःख आदि स्थितियों के क्रम से आने के नियम पर बार बार विचार करके, शुभ(अच्छे) और अशुभ(बुरे) की  प्रवृत्तियों को छोड़कर सभी स्थितियों में, मैं सुखपूर्वक विद्यमान हूँ ॥

Hindi Translation

I understand by experience that pleasure and pain come and go again and again . Hence I exist pleasantly in all situations abandoning the feelings of auspicious(good) and inauspicious(bad).

English Translation

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः