सुखदुःखे जन्ममृत्यू दैवादेवेति निश्चयी। साध्यादर्शी निरायासः कुर्वन्नपि न लिप्यते॥११- ४॥
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sukhaduḥkhe janmamṛtyū daivādeveti niścayī, sādhyādarśī nirāyāsaḥ kurvannapi na lipyate
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सुख-दुःख और जन्म-मृत्यु प्रारब्धवश (पूर्व कृत कर्मों के अनुसार) हैं, ऐसा निश्चित रूप से जानने वाला, फल की इच्छा न रखने वाला, सरलता से कर्म करते हुए भी उनसे लिप्त नहीं होता है॥
Hindi Translation
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Pleasure-pain and birth-death are due to previous actions (which decide fate). One who knows it with definiteness acts without desire. He acts playfully and never gets attached to them.
English Translation
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