तृष्णामात्रात्मको बन्धस्- तन्नाशो मोक्ष उच्यते। भवासंसक्तिमात्रेण प्राप्तितुष्टिर्मुहुर्मुहुः॥१०- ४॥
Change Bhasha
tṛṣṇāmātrātmako bandhas- tannāśo mokṣa ucyate, bhavāsaṃsaktimātreṇa prāptituṣṭirmuhurmuhuḥ.
0
तृष्णा (कामना) मात्र ही स्वयं का बंधन है, उसके नाश को मोक्ष कहा जाता है । संसार में अनासक्ति से ही निरंतर आनंद की प्राप्ति होती है ॥
Hindi Translation
…
Desires alone are the bondage for Self. Extinguishing desires is called liberation. Non-attachment to worldly things can only lead to continuous bliss.
English Translation
…