उच्छृंखलाप्यकृतिका स्थितिर्धीरस्य राजते। न तु सस्पृहचित्तस्य शान्तिर्मूढस्य कृत्रिमा॥१८- ५२॥
Change Bhasha
ucchṛṃkhalāpyakṛtikā sthitirdhīrasya rājate, na tu saspṛhacittasya śāntirmūḍhasya kṛtrimā
0
धीर पुरुष की स्वाभाविक स्थिति विक्षोभ युक्त होने पर भी श्रेष्ठ है पर जिसके चित्त में अनेक इच्छाएं भरी हैं उस अज्ञानी पुरुष पर बनावटी शांति शोभा नहीं पाती ॥
Hindi Translation
…
The spontaneous unassumed behaviour of the wise is noteworthy, but not the deliberate, intentional stillness of the fool .
English Translation
…