...

विलसन्ति महाभोगै- र्विशन्ति गिरिगह्वरान्। निरस्तकल्पना धीरा अबद्धा मुक्तबुद्धयः॥१८- ५३॥

Change Bhasha

vilasanti mahābhogai- rviśanti girigahvarān, nirastakalpanā dhīrā abaddhā muktabuddhayaḥ

0

धीर पुरुष बड़े भोगों में आनंद करते हैं और पर्वतों की गहन गुफाओं में भी निवास करते हैं पर वे कल्पना, बंधन और बुद्धि की वृत्तियों से मुक्त होते हैं ॥

Hindi Translation

The wise who are rid of imagination, unbound and with unfettered awareness may enjoy themselves in the midst of many goods, or alternatively go off to mountain caves .

English Translation

Built in Kashi for the World

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः