यदा नाहं तदा मोक्षो यदाहं बन्धनं तदा। मत्वेति हेलया किंचिन्- मा गृहाण विमुंच मा॥८- ४॥
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yadā nāhaṃ tadā mokṣo yadāhaṃ bandhanaṃ tadā, matveti helayā kiṃcin- mā gṛhāṇa vimuṃca mā
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जब तक 'मैं' या 'मेरा' का भाव है तब तक बंधन है, जब 'मैं' या 'मेरा' का भाव नहीं है तब मुक्ति है । यह जानकर न कुछ त्याग करो और न कुछ ग्रहण ही करो ॥
Hindi Translation
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There is bondage, as long as there is feeling of 'I' and 'my' and liberation is when there is no feeling of 'I' and 'my' . Knowing this stay playful neither accepting nor sacrificing anything.
English Translation
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