अष्टावक्र उवाच - यस्य बोधोदये तावत्- स्वप्नवद् भवति भ्रमः। तस्मै सुखैकरूपाय नमः शान्ताय तेजसे॥१८- १॥
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aṣṭāvakra uvāca - yasya bodhodaye tāvat- svapnavad bhavati bhramaḥ, tasmai sukhaikarūpāya namaḥ śāntāya tejase
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अष्टावक्र कहते हैं - जिस बोध का उदय होने पर, जागने पर स्वप्न के समान भ्रम की निवृत्ति हो जाती है, उस एक, सुखस्वरूप शांत प्रकाश को नमस्कार है ॥
Hindi Translation
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Ashtavakra says - Salutations to the One, blissful, serene light like awareness which removes delusion like a dream .
English Translation
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