
Hinglaj Mata ki Aarti
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ॐ जय हिंगलाज माता , मैया जय हिंगलाज माता… जो नर तुमको ध्याता, वांछित फल पाता । ॐ जय हिंगलाज माता…
हीरा पन्ना मंडित, शीश मुकुट सोहे । भाल सिन्दुरी टीका, भक्तन मन मोहे ।।1।। ॐ जय हिंगलाज माता…
कर्णफूल अति उज्जवल, झिलमिल सा चमके । गजमोतिन की माला, कण्डन पर दमके ।।2।। ॐ जय हिंगलाज माता…
स्वर्ण मेखला कटि में, रत्नजड़ित लोभे । रक्तांबर मणि मण्डित, अगन पर शोभे ।।3।। ॐ जय हिंगलाज माता…
हाथ त्रिशूल विराजे, चक्र खड़गधारी । घनुष बाण औ ज्वाला, धारे महतारी ।।4।। ॐ जय हिंगलाज माता…
राजहंस तव वाहन, श्वेतासन राजे । सिंहासन वृषभासन, माता को साजे ।।5।। ॐ जय हिंगलाज माता…
खड़े भीमलोचन है, भैरव तव हारे । शक्ति कोटरी तेरी, शक्ति पीठ तारे ।।6।। ॐ जय हिंगलाज माता…
क्षेत्र हिंगला ज्याला ,मुख सा है तेरा । ब्रह्मरंध्र से प्रकटी, महातीर्थ तेरा ।।7।। ॐ जय हिंगलाज माता…
क्षत्रिय कुल की रक्षक, सबकी है माता । नर-नारी ओर साधु, अभय सदा पाता ।।8।। ॐ जय हिंगलाज माता…
कनक पात्र में शोभित, अगर कपूर बाती । आरती हम सब गावत, और तुम हो वरदात्री।।9।। ॐ जय हिंगलाज माता…
माँ हिंगलाज की आरती, हम सब मिल गावें । तन मन धन सुख सम्पति, इच्छा फल पायें ।।10।। ॐ जय हिंगलाज माता…